Monday, 22 September 2008

भारतवर्ष का महान साहित्य हमेशा विश्व के लिए

भारतीय साहित्य हमेशा वैश्विक सोच रखता है ,
- वेद विश्व सबसे प्राचीन और अपौरुषेय रचना है ,
- जगत के लिए यह हमेशा विश्विक सोच रखता है ,
-किशी भी पंथ या धर्म का इसमे विरोध नही है ,
- इसमे वसुधैव कुटुम्बकम की भावना विश्व के सामने प्रस्तुत की गई है ,
- हम हमेशा यह सोच रखते है की हमारा दर्शन जो कहेता है , वह आत्म अनुभव के बाद जो दर्शित हुआ यह भारतीय चिंतन ,
- सभी सत्य बातो का समन्वय करने वाला केवल एक मात्र भारतीय दर्शन है । ।

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